बे भाव बिक रहे धान,किसान बिचौलियों के हाथों मजबूर

 


रिपोर्ट- नागेश्वर सिंह

जिला प्रशासन के तमाम दावों के बाद भी धान किसानों की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं, सरकारी खरीद के बड़े दावों से इतर किसानों को अपना धान औने पोने भाव में बेंचने के मजबूर होना पड़ रहा है।धान की कीमत खुले बाजार में औंधे मुंह गिर गयी हैं।और किसानों की मजबूरी का फायदा बिचौलिये उठा रहें हैं।इटियाथोक ब्लॉक क्षेत्र में किसानों का धान न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी कम कीमत पर खरीदा जा रहा है।खरीद केंद्रों पर पंजीकरण,लंबी लाइन और तमाम दिक्कतों के चलते किसानों का धान कम कीमत पर आढ़तिए और राइस मिलें खरीद रही हैं। एक तरफ जहां सरकारी खरीद केंद्रों पर धान का समर्थन मूल्य1868 रुपये है,वहीं दूसरी ओर खुले बाजार में इसकी कीमत1150/ से1200/ रुपये प्रति कुंतल ही मिल पा रही है।खरीद केंद्रों का रुख करने वाले किसानों का कहना है,कि कहीं बोरों तो कहीं सर्वर में खराबी के चलते धान की खरीद सुचारू रूप से नहीं हो पा रही है।मंगलवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी "लोहिया"के जिला अध्यक्ष सुरेश कुमार शुक्ला ने के न्यूज़ भारत को दिए अपने साक्षात्कार में किसानों की समस्याओं को लेकर मौजूदा सरकार व जिला प्रशासन पर जमकर निशाना साधा।

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