गोण्डा। नगर पंचायत परसपुर से जुड़े भूमि विवाद के मामले में जांच के दौरान अवैध कब्जे और फर्जी दस्तावेजों की पुष्टि हो गई है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा गठित उच्चस्तरीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
अनिल कुमार, मुस्तफा और इब्राहीम द्वारा प्रस्तुत शिकायत में आरोप लगाया गया था कि गाटा संख्या 559 व 743 की भूमि को विपक्षी पक्ष द्वारा कूटरचित इकरारनामे के जरिए फर्जी रूप से विक्रय किया गया है। शिकायत में यह भी उल्लेख था कि विद्यालय, कब्रिस्तान और पुरानी आबादी से जुड़ी जमीनों पर भी सुनियोजित ढंग से कब्जा करने की कोशिश की गई।
जिलाधिकारी द्वारा गठित जांच समिति—जिसमें अपर जिलाधिकारी गोण्डा (अध्यक्ष), उप जिलाधिकारी करनैलगंज, सहायक महानिरीक्षक निबंधन और बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी सदस्य थे—ने पूरे मामले की गहनता से जांच की। समिति ने पाया कि कई भूखण्डों पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर न केवल अवैध विक्रय किया गया, बल्कि कुछ स्थानों पर कब्जा भी कर लिया गया।
इस गंभीर भूमि अनियमितता पर सख्त रुख अपनाते हुए जिलाधिकारी ने संबंधित थाने को दोषियों के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज करने और विधिसम्मत कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
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