सैयद सालार मसूद गाजी रहमतुल्ला अलैह का मेला के अनुमति के लिए दिया ज्ञापन

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गोंडा।वर्षों से लगातार चलने वाला सैयद सालार मसूद गाजी रहमतुल्ला का मेला हमारी गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक है। दुर्भाग्यवश, बहराइच के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक द्वारा इस ऐतिहासिक मेले पर बिना किसी स्पष्ट कारण के रोक लगा दी गई है। यह निर्णय न केवल हमारी सांस्कृतिक,सांझी विरासत के खिलाफ है, बल्कि समाज में व्याप्त सौहार्द को भी ठेस पहुंचाता है। इस पर तुरंत ध्यान देकर मेले की परंपरा को पुनः बहाल किया जाए। वहीं वक्फ बिल के कानून के पारित होने के पश्चात कई संस्थाओं द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कुछ प्रावधानों को चुनौती दी गई है, जिस पर सुनवाई चल रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जब तक अंतिम निर्णय नहीं आ जाता, तब तक मदरसे,मस्जिदें, मज़ार,कब्रिस्तान आदि वक्फ संपत्तियों की यथास्थिति बनी रहेगी। लेकिन इसके बावजूद कई स्थानों पर इन धार्मिक स्थलों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है।हाल ही में बहराइच,श्रावस्ती में कई मदरसों, मस्जिदों,ईदगाहों,को बंद किया जा रहा है या उन्हें तोड़ा जा रहा है, जो न केवल असंवैधानिक है,बल्कि हमारी धार्मिक आस्था पर सीधा प्रहार है। ऐसे सभी कार्यों पर तुरंत रोक लगाई जाए।सीमा क्षेत्रीय जिलों में बहराइच, श्रावस्ती बलरामपुर,और गोंडा जैसे जिले अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे होने के बावजूद विकास की दृष्टि से उपेक्षित हैं। इन क्षेत्रों में न तो पर्याप्त शैक्षणिक संस्थान हैं, न ही कोई उद्योग-धंधे या फैक्ट्रियाँ हैं, जिससे स्थानीय युवाओं को प्रेरित किया जा सके कि वे बाहर जाकर श्रमिक बनकर कार्य करने की बजाय उच्च शिक्षा प्राप्त करें और राष्ट्रनिर्माण में भागीदारी निभाएं। आज दर्जनों समर्थकों के साथ मसूद आलम खां राष्ट्रीय सचिव समाजवादी पार्टी पूर्व लोकसभा प्रत्याशी गोण्डा की अगुवाई में मंडलायुक्त द्वारा नामित अधिकारी सिटी मजिस्ट्रेट गोंडा को ज्ञापन दिया गया।

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