सेम खाने के क्या-क्या है फायदे देखें

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सेम एक लता है। इसमें फलियां लगती हैं। फलियों की सब्जी खाई जाती है। इसकी पत्तियां चारे के रूप में प्रयोग की जा सकती हैं।
- ललौसी नामक त्वचा रोग सेम की पत्ती को संक्रमित स्थान पर रगड़ने मात्र से ठीक हो जाता है।
- वैद्यक में सेम मधुर, शीतल, भारी, बलकारी, वातकारक, दाहजनक, दीपन तथा पित्त और कफ का नाश करने वाली कही गई हैं।
- वात कारक होने से इसे अजवाइन , हिंग , अदरक , मेथी पावडर और गरम मसाले के साथ फिल्टर्ड या कच्ची घानी के तेल में बनाए. सब्जी में गाजर मिलाने से भी वात नहीं बनता.
- इसमें लौह तत्व , केल्शियम ,मेग्नेशियम , फोस्फोरस विटामिन ए आदि होते है.
- इसके बीज भी शाक के रूप में खाए जाते हैं। इसकी दाल भी होती है। बीज में प्रोटीन की मात्रा पर्याप्त रहती है। उसी कारण इसमें पौष्टिकता आ जाती है।
- सेम और इसकी पत्तियों का साग कब्ज़ दूर करता है.
- सेम रक्तशोधक है, फुर्ती लाती है, शरीर मोटा करती है।
- नाक के मस्सों पर सेम फली रगड़ कर फली को पानी में रखे. जैसे जैसे फली पानी में गलेगी , मस्से भी कम होते जाएंगे.
- चेहरे के काले धब्बों पर सेम की पत्ती का रस लगाने से लाभ होता है.
- सेम की सब्जी खून साफ़ करती है और इससे होने वाले त्वचा के रोग ठीक करती है.
- बिच्छु के डंक पर सेम की पत्ती का रस लगाने से ज़हर फैलता नहीं.
- सेम के पत्तों का रस तलवों पर लगाने से बच्चों का बुखार उतरता है.

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