लखनऊ। आज अखिल भारतीय ओबीसी महासभा,जनपद लखनऊ कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें जनपद कार्यकारिणी के सदस्यों, पदाधिकारियों, प्रदेश के लखनऊ स्थित पदाधिकारियों, ओबीसी विचारकों एवं समाजसेवियों ने प्रतिभाग किया।
सर्वसम्मति से राजेंद्र सिंह यादव, प्रदेश संयोजक को बैठक का अध्यक्ष नामित किया गया तथा उनकी अनुमति से कार्यवाही प्रारंभ की गई। जिले के उपस्थित एवं आमंत्रित सदस्यों ने अपने अपने विचारों को सरकार के विरूद्ध,आक्रोशित भाषा में व्यक्त किया, जिसमें ओबीसी आरक्षण की अनदेखी, जनगणना ना कराए जाने, निजीकरण के विरोध आदि पर गंभीरता से विचार किया गया।ओबीसी यशपाल सिंह, प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार मनुवादी षडयंत्र के अंतर्गत संविधान में प्रदत्त ओबीसी अधिकारों का हनन करने पर आमादा है। इसलिए ओबीसी की जातिगत जनगणना की अनदेखी कर रही है। संविधान में प्रदत्त 27% ओबीसी आरक्षण को पूर्णतया लागू करने में भेदभाव कर रही है। इसलिए सरकार से मांग की कि इस पर आवश्यक कार्यवाही करें।
विजय कुमार पटेल, प्रदेश उपाध्यक्ष ने देश में जातिगत जनगणना की मांग दोहराते हुए कहा कि जब तक यह जनगणना नहीं कराई जाती तब तक आबादी के अनुसार ओबीसी को अधिकार नहीं मिलेंगे।
इसके साथ ही जिला अध्यक्ष- लखनऊ, प्रेम शंकर चौधरी ने सरकारी नौकरियों को कम करके ओबीसी के बैकलॉग को पूरा न करने और निजीकरण को बढ़ावा देने का विरोध किया। राज करण यादव, प्रदेश कोषाध्यक्ष ने कहा कि मंडल कमीशन की सिफारिशों को पूर्णतया लागू किया जाए, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को पूर्ण संवैधानिक अधिकार दिए जाएं, ओबीसी में क्रीमी लेयर सीमा समाप्त की जाए एवं नौकरियों में प्रमोशन प्रक्रिया लागू की जाए। रामविलास शर्मा, ओबीसी विचारक ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश का अन्नदाता किसान, केंद्र सरकार द्वारा 3 कृषि कानून जबरदस्ती थोपे जाने का विरोध कर रहे हैं, जिन्हें रद्द करके किसानों को राहत देने की बात कही।
सर्वसम्मति से निर्णय किया गया कि उपरोक्त बिंदुओं पर सरकार सहानुभूति पूर्वक विचार कर समस्याओं का निदान करे। इस अवसर पर संगठन के डॉक्टर देवेंद्र सिंह पटेल, आर एन यादव, सूरज यादव,अमर सिंह पटेल, सरोज पटेल, विनोद पाल, शकील अहमद, इसरार खान, कृपा शंकर वर्मा, जय शंकर चौधरी, रंजीत कुमार आदि उपस्थित रहे।
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