गोंडा।।मामूली सी बारिश में मेडिकलकॉलेज बन जाता तालाब,गंदे पानी में घुस कर मरीजों को आना जाना पड़ता है। पानी के ठहराव के निस्तारण का स्वास्थ्य विभाग कोई विकल्प नहीं ढूंढ पा रहा है।
देवी पाटन मंडल मुख्यालय का ये है मेडिकल कालेज जो बारह माह गंदे पानी से मरीजों और तीमारदारों का स्वागत करता रहता है।बस फर्क इतना रहता है कि अन्य माहों में गंदे पानी का ठहराव सीमित एरिया में रहता है लेकिन बदबू से सड़ांध रहता है लेकिन बारिश में यह पूरा एरिया पानी पानी हो जाता है जैसा कि इस समय देखा जा सकता है।
पानी से सटा हुआ क्षेत्रीय निदान केंद्र में एक्सरे,खून,पेशाब व अन्य जांचे कराने के लिए लोगों इसी पानी से घुस कर आना जाना पड़ता है यही नहीं क्षय रोग,आयुर्वेद,हार्ट, डायलिस के लिए इसी गंदे पानी में घुस कर आना जाना पड़ता है।मरीजों को स्ट्रेचर से इसी पानी में घुस कर आना जाना पड़ता है।यही नहीं तीन मंजिले कोविड बिल्डिंग में इलाज कराने के लिए इसी पानी में से होकर आना जाना पड़ता है।
पानी से सटा हुआ क्षेत्रीय निदान केंद्र में एक्सरे,खून,पेशाब व अन्य जांचे कराने के लिए लोगों इसी पानी से घुस कर आना जाना पड़ता है यही नहीं क्षय रोग,आयुर्वेद,हार्ट, डायलिस के लिए इसी गंदे पानी में घुस कर आना जाना पड़ता है।मरीजों को स्ट्रेचर से इसी पानी में घुस कर आना जाना पड़ता है।यही नहीं तीन मंजिले कोविड बिल्डिंग में इलाज कराने के लिए इसी पानी में से होकर आना जाना पड़ता है।
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