नहर में डूबी बोलेरो से लोगों को निकालने वाले मुस्लिम युवकों प्रशासन करे सम्मानित

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गोंडा।रविवार को रेहरा पुल के पास हुई घटना में नहर में डूबे लोगों को जो मुस्लिम युवकों ने मेहनत कर जान बचाने का कार्य किया है वह सराहनीय है।ऐसे युवकों को जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाना चाहिए।
   रविवार को मोतीगंज के सीहा गांव से एक बोलेरो से आठ के स्थान पर 15 लोग सवार होकर पौराणिक मंदिर पृथ्वी नाथ पर जलाभिषेक करने के लिए शॉर्टकट रास्ते अलावल देवरिया के रास्ते पारासराय के पास बलरामपुर रोड में मिलने वाले सड़क से आ रहे थे की लगभग ग्यारह बजे धनौली से थोड़ा आगे चलकर बेलवा बहुत और रेहरा गांव के पास पुल से थोड़ा पहले बरस रहे झमाझम पानी में चालक बोलोरो गाड़ी को जैसे ही ऊपर चढ़ाना

 चाहा वैसे ही बोलेरो स्लिप कर गई और सीधे नहर में जा गिरी जिससे 15 जिंदगियां जिंदगी और मौत से लड़ने लगी, फिर हाल चालक गाड़ी के दरवाजों को खोलना चाहा, लेकिन दरवाजा खुला नहीं,चालक का गेट खुलने से चालक और आगे बैठे तीन अन्य बोलोरो से बाहर निकले जिन्हें स्थानीय लोगों ने रेस्क्यू करके बचा लिया। अन्य लोग बोलेरो का गेट न खुलने के कारण पानी भरने से 11 लोगों की दम गुटकर मौत हो गई।इसकी सूचना आसपास के मुस्लिम बहुल क्षेत्र के मुस्लिम युवकों को हुई तो वह नहर पर आकर पहले कुछ युवक स्वयं नहर में कूद कर बोलोरो में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास किया शीशा भी तोड़ने लगे, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली, तो ट्रैक्टर लाकर बोलेरो को खींचकर किनारे लाए, फिर एक-एक को बोलेरो से बाहर निकाल कर नहर के बंधे पर लिटाने लगे, तब तक पुलिस को भी सूचना हो गई थी,लोगों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया लेकिन महिला,पुरुष बच्चों को बचाया नहीं जा सका।बारिश इतना तेज था कि लोग वहां पहुंचने में भी संकोच कर रहे थे,लेकिन वहां मौजूद कुछ मुस्लिम युवकों ने जान की बाजी लगाकर उन लोगों को बाहर निकाला, लेकिन चार लोगों को ही बचा सके। इन मुस्लिम युवकों की जितनी तारीफ की जाए उतना कम है। लोगों ने प्रशासन से मांग किया है की इन मुस्लिम युवकों को चिन्हित कर इन्हें सम्मानित किया जाए।

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